Friday, July 11, 2025

pregnancy: प्रेग्रेंसी में मंदिर जाना कितना सही?

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pregnancy: महिला के लिए pregnancy सबसे महत्वपूर्ण होता है। जब महिला के गर्भवती होती है तो कई तरह के सवाल मन में आते है। वैसे एक सवाल ये भी उठता है कि गर्भावस्था में मंदिर जाना और पूजा-पाठ करना कितना उचित है। बता दें कि गर्भावस्था में मंदिर जाने से कोई भी परहेज नहीं होता है लेकिन अगर कोई समस्या है तो मंदिर जाने से परहेज भी करना चाहिए। आइए जानते है कि गर्भावस्था में कैसे करें पूजा-पाठ…

किसी महिने से नहीं जाना चाहिए मंदिर

कई जगह समाज में दिखा गया है कि गर्भवती स्त्री को 7 माह के बाद मंदिर जाने की अनुमति नहीं होती है। इसका एक कारण ये भी है कि कई बार मंदिर में अधिक सीढ़िया चढ़नी होती है तो वहीं कुछ मंदिर पहाड़ी की चोटी पर स्थित होते है। ऐसे में शरीर को अधिक जोर पड़ता है, इस कारण से कई प्रकार की शारीरिक परेशानियां बढ़ सकती है। जिसका असर शिशु पर भी हो सकता है।

किसी स्थिती में जाए मंदिर

अगर गर्भवती स्त्री का शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा है तो वह 6-7 माह तक मंदिर जा सकती हैं। इस पर किसी भी तरह की पाबन्दी नहीं है। लेकिन मंदिर में बहुत देर तक या किसी भी कष्टकारी रूप से पूजा न करें साथ ही ज्यादा चलना हो तो मंदिर न जाए ना ही मंदिर की परिक्रमा करें। ऐसा करने से शारिरीक बल पड़ेगा जो गर्भ में पल रहे बच्चे के स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है।

धार्मिक रूप से गर्भवती महिला को मंदिर जाने से कोई रोक नहीं है लेकिन किसी भी प्रकार की शारीरिक समस्या है तो मंदिर की यात्रा को रोक दें और अपने स्वास्थ का ख्याल रखें।

अधिक देर तक व्रत रखने से बचें समय-समय पर पानी पीते रहें। अधिक समय तक भूखे रहना आपके और गर्भ में पल रहे शिशु के लिए हानिकार साबित हो सकता हैं।

साथ ही ये भी कहा जाता है कि मंदिर जाने से मानसिक शांति और स्थिरता मिलती है। लेकिन अपने स्वास्थ्य को प्रथमिकता देते हुए मंदिर जाने का निर्णय लें।

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