Mantra: सनातन धर्म में कई तरह के मत्र मौजूद है, जिनका जाप करने से मन को शांति मिलती है, आत्मविश्वास बढ़ता है, बता दें कि सनातन संस्कृति में देवी गायत्री का बहुत महत्व है। देवी गायत्री की आराधना से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती हैं। साथ ही मोक्ष की प्राप्ति होती है। गायत्री देवी को चारों वेदों का जन्म दात्री माना जाता है।
इस कारण वेदों का सार भी गायत्री मंत्र को माना जाता है। यह भी मान्यता है कि चारों वेद, शास्त्र और श्रुतियां की जन्मदात्री देवी गायत्री है। बता दें कि ब्रह्मा, विष्णु और महेश की आराध्य देवी भी इनको माना जाता है। वेदों की जन्मदात्री होने के कारण इनको वेदमाता भी कहा जाता है। कहा जाता है कि गायत्री माता ब्रह्मा जी की दूसरी पत्नी है।
ऐसे हुआ गायत्री मंत्र का अवतरण
बता दें कि सृष्टि के प्रारंभ में ब्रह्मा जी पर गायत्री मंत्र प्रकट हुआ था। ये मंत्रों सिर्फ देवी- देवताओं के लिए ही था. लेकिन महर्षि विश्वामित्र ने अपने कठोर तप से गायत्री मंत्र को मनुष्यों तक पहुंचाया जिससे मनुष्यों का कल्याण हो सकें। उन्हें मन की शांति मिल सकें।
क्या है गायत्री मंत्र
ओम भूर्भव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं
भर्गो देवस्य धीमहि धियों यो न: प्रचोदयात् ||
इन कष्टों को हरने के लिए मददगार है गायत्री मंत्र, इसका बार-बार जप करने से मन को शांति मिलती है। साथ ही सभी कष्टों का निवारण हो जाता है।
बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए
कारोबार, रोजगार, में सफलता के लिए गायत्री मंत्र काफी मददगार साबित होता है। इस मंत्र का जाप करने से खर्चों पर नियंत्रण रहता हैं। और आमदनी में इजाफा होता है। इसके लिए शुक्रवार अवश्य मंत्र का जाप करे। लाभ प्राप्त होगा।
मानसिक स्थिती के लिए
अगर किसी भयानक कष्ट में है जिस कारण से मानसिक स्थिती ठीक नहीं रहती तो आप रोज गायत्री मंत्र का जाप कर सकती है। ये आपकी मानसिक स्थिती को ठीक कर करने में लाभकारी है। इस मंत्र से अध्ययन में बड़ी सफलता मिलती है। पढ़ाई में मन लगता है याददाश्त तेज होती है जिससे परिक्षा में सफलता मिलती है।
दुश्मन से छुटकारा
अगर आप किसी दुश्मन से परेशान है तो रविवार और मंगलवार को इस मंत्र का जाप करें। सुबह-शाम इसका जाप करने से दुश्मन से छुटकारा मिलता है। इस मंत्र का उचारण 108 बार करें ।
संतान प्राप्ति
संतान प्राप्ति के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए। यौं संपुट लगा कर गायत्री मंत्र का जाप करने। अगर आपकी संतान रोगी है तो भी ये मंत्र रोगमक्त के लिए कारगर है।
शादी के लिए
माता पार्वती का ध्यान रख कर गायत्री मंत्र का उचारण करे। इसके लिए ह्रिं का सपुट लगाकर गायत्री मंत्र का जप करें। विवाह में पड़ रहे बाधाओं का निवारण होता है।
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