br gavai: एससी कोर्ट के 52वें चीफ जस्टिस के रूप में जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवाई ने शपथ ले ली है। आयोजित समारोह में राष्ट्रपति ने उन्हें पद और गोपनियता की शपथ दिलाई। बता दें कि जस्टिस गवई भारत के पहले बौद्ध सीजेआई हैं। आजादी के बाद दलित समाज के वे दूसरे सीजीआई है। एससी के चीफ जस्टिस का कार्यकाल सिर्फ 6 महीने का होगा।
CJI बीआर गवई का कार्यकाल 23 नवंबर 2025 को खत्म होगा। CJI बनने के बाद अगले ही दिन जस्टिस गवई वक्फ कानून में हुए संशोधनों को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई शुरू करेंगें ।
क्या है सीजेआई की जिंदगी में डॉक्टर अंबेडकर की भूमिका?
2024 में उन्होंने कहा था कि यह पूरी तरह से डॉक्टर अंबेडकर के प्रयासों का परिणाम है कि मेरे जैसा कोई व्यक्ति, जो एक झुग्गी के नगरपालिका के स्कूल से पढ़कर इस पद तक पहुंच सका। साथ ही उन्होंने अपने भाषण को जय श्री राम के नारे के साथ खत्म किया था।
राहुल गांधी के मामले में खुद को अलग करने की पेशकश की थी
21 जुलाई 2023 को राहुल गांधी पर आपराधिक मानहानि का मामला जुड़ा हुआ था। इस दौरान पीठ ने गुजरात सरकार को नोटिस जारी कर दिया।
बता दें कि जब मामले की सुनवाई हो रही थी तो सीजेआई ने खुद को इस मामले से अलग करने की पेशकश की थी।
सीजेआई गवई ने कहा था कि मेरी तरफ से मामले में कुछ समस्या है । मेरे पिता लगभग 40 वर्षों तक कांग्रेस से जुड़े रहे और मेरे भाई भी कांग्रेस जुड़े है पिता कांग्रेस के सदस्य नहीं थे लेकिन उनकी मदद से राज्यसभा और लोकसभा पहुंचे थे।
जिसके बाद उन्होंने कहा कि अब आप तय करें कि क्या मुझे इस मामले की सुनवाई करनी चाहिए।
राहुल गांधी मामले में दोनों पक्षों की सहमति के बाद जस्टिस गवई ने जस्टिस पीके मिश्रा के साथ सुनवाई की।
उनके पिता रामाकृष्ण सूर्यभान गवई रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया के संस्थापक थे।
जस्टिस गवई नागपुर की दीक्षाभूमि स्ममारक समिति के चेयरमैन भी रहे थे।
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