Haryana News: पंजाब और हरियाणा के बीच बंटवारे लगतार विवाद हो रहा है। बता दें कि यह विवाद भाखड़ा प्रबंधन बोर्ड से जुड़े फैसले को लेकर है। हरियाणा के चंडीगढ़ में सर्वदलीय बैठक सीएम नायब सिंह सैनी की अध्यक्षयता में हुई। बैठक के दौरान सीएम सैनी ने बिना शर्त पानी छोड़ने की मांग की।
आगे सीएम सैनी ने कहा कि बीबीएमबी के निर्देशों पालन न करना न सिर्फ असंवैधानिक है। बल्कि ये संंविधान के ढ़ाचे पर सीधा हमला है। सीएम सैनी ने आरोप लगाते हुए कहा कि पंजाब की आप पार्टी सरकार की यह कार्रवाई राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित है, जो दिल्ली में आप की हार के बाद सामने आई है।
हरियाणा में पेयजल पर गंभीर सकंट
सीएम सैनी ने कहा कि राज्य गंभीर पेयजल सकंट से जूझ रहा है। केंद्र सरकार द्वारा सुझाए गए समाधान को लागू किया जाना चाहिए। बीबीएमबी के फैसले का समर्थन केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने किया जिसमे हरियाणा को 8 दिन के भीतर 4,500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी देने की बात कहीं गई थी।
पंजाब ने कहा- हरियाणा पहले ही अपने हिस्से का पानी कर चुका है इस्तेमाल
पंजाब के जल संसाधन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने इसे “असंवैधानिक बताते हुए इस बैठक का बहिष्कार किया साथ ही कहा कि राज्य सरकार इससे सहमत नहीं हैं। पंजाब की आप सरकार का तर्क है कि हरियाणा राज्य पहले ही मार्च में अपने हिस्से का लगभग 103 प्रतिशत पानी इस्तेमाल कर चुका है।
सभी दलों के नेता बैठक में हुए शामिल
इस बैठक में सभी दलों के नेता शामिल हुए। बैठक में पारित प्रस्ताव में पंजाब सरकार से 23 और 30 अप्रैल को बीबीएमबी की तकनीकी समिति द्वारा लिए गए फैसलों को तत्काल और बिना शर्त लागू करने की मांग की गई।
हरियाणा सीएम नयाब सिह सैनी ने कहा कि उनका राज्य टकराव नहीं, सहयोग चाहता है। लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो “हर लड़ाई करने को तैयार है।” साथ ही उन्होंने अपील करते हुए कहा कि “पड़ोसी के दर्द को समझे” और मानवीय आधार पर पानी छोड़ने की प्रक्रिया में कोई बाधा न डाले।
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर भाखड़ा डैम पर पंजाब की कथित तैनाती को चुनौती दी गई है। जिससे हरियाणा राज्य को पानी मिलने में बाधा उत्पन्न हो रही है।
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